Title : तस्वीरें बहुत कुछ बोल जाती है
यादों के समुद्र को जगा जाती है।
तस्वीरें तो हम सब लेतें है,
कभी अलग - अलग जगहों पे,
अलग - अलग लोगों के साथ,
कभी अलग - अलग वेश भूशा में,
गु़ज़रे हुए लम्हों को सामने ले आती हैं तस्वीरें।
तस्वीरें यादों का वो गुलिसतां होती हैं जिसके फूल सालों बाद भी ताजा़ रहते हैं।
वक्त के साथ तस्वीरें पुरानी हो जाती हैं,
पिलापन आ जाता है उनमे,
लेकिन उनमें कैद यादों का रंग नहीं खराब होता।
हमारे बीते पलों का कागज़ पे चित्र ही तस्वीर कहलाती है।
कभी - कभी आँखों को नम कर देती हैं तस्वीरें,
कभी - कभी मुस्कान भर देती हैं तस्वीरें,
कभी - कभी खुद में गुम कर लेती हैं हमें तस्वीरें,
बेज़ुबान बेजान होती हैं तस्वीरें,
लेकिन फिर भी मानो बोलती हैं तस्वीरें।
बताती हैं उस लम्हें की दास्तान जिस दिन लम्हा तस्वीर बना था।
लोग चले जाते हैं,
जिंदगियां आगे बढ जाती है,
सब कुछ पिछे छुट जाता है।
मुड़ के पिछे देखना हो तो तस्वीरों से अच्छा माध्यम और कोई नहीं।
कल ही तस्वीरों के गुलिसतां से,
हमारे खुशनुमा पलों के कुछ फूल देख रही थी,
जहां तुम, मैं और बेशुमार खुशियां थीं।
पहाड़ों पे हमारी तस्वीर आज भी यादों में है मेरे।
तुम्हारा थंडी बर्फ का मेरे गालों पे लगाना,
तभी तस्वीरों का खीच जाना,
एक ऐसे लम्हें को कैद कर लेना,
जो जब सामने आए एक मिठी सी मुस्कुराहट दे जाए।
याद है वो चाय की टपरी,
पहाड़ो की सर्द हवाओं में चाय की वो चुस्की,
कभी चाय पसंद आई नहीं उतनी,
मगर उस दिन की चाय की बात ही कुछ और थी।
कैद कर ली थी मैने तस्वीरों में वोचाय की चुस्कियों के पल,
हमारी शरारतों के पल,
तभी कहते हैं -
तस्वीरें बहुत कुछ बोल जाती है,
जो पल सालों पहले पिछे छुट गए,
आज आंखों के सामने असलियत जैसे खड़े है।
यही जादू है इन तस्वीरों का
कभी हंसा जाती है तो कभी रूला जाती है
जज़्बातों के समुद्र को जगा जाती है
तस्वीरें बहुत कुछ बोल जाती है।
By :Lopamudra Satapathy
Insta handle : @the_burningsouls
2 Comments
Soo nicely written…. Your way of presenting your thoughts is awesome….
ReplyDeleteThanks Shubham
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